[PDF] Ram Ji Ki Aarti | Shri Ram Chandra Kripalu Bhaju Man श्री रामचन्द्र कृपालु भजु मन
Ram Navami
श्री राम नवमी
पढ़िए श्री राम नवमी (Ram Navami) के बारे में, जानिये राम नवमी की क्या परंपरा है, क्यों मनाते है, राम जी के मुख्य पूजा स्थल, श्री राम जी की आरती “श्री रामचन्द्र कृपालु भजु मन” साथ ही आप Ram Ji Ki Aarti PDF डाउनलोड भी कर सकते है|
राम नवमी (Ram Navami 2021) हिंदू धर्म का एक प्रमुख त्योहार है, यह त्योहार अयोध्या के राजा दशरथ के सबसे बड़े पुत्र भगवान राम की जयंती (जन्मदिन) मनाने के लिए धूमधाम से मनाया जाता है।
“राम नवमी” को हर साल चैत्र महीने के नौवें दिन मनाया जाता है। चैत्र महीने की शुरुआत नवरात्रि से होती है और इस दिन से हिन्दू नव वर्ष की शुरुआत भी होती है | और राम नवमी के दिन चैत्र नवरात्रि का समापन होता है | इस नवरात्रि 2021 से हिन्दू नव वर्ष विक्रम सम्वत 2078 की शुरुआत हो रही है|
नवरात्रि के पावन दिनों मे अनुयायी देवी दुर्गा के प्रति अपना समर्पण भाव व भक्ति दर्शाने के लिए उपवास रखते हैं| और यदि किसी भी कारणवश उपवास नहीं रख सकते तब भी इन दिनों मे मानसिक व शारीरिक पवित्रता का विशेष ध्यान रखते हुए शुद्ध शाकाहारी भोजन ही करते है| साथ ही साथ घरों की भी विशेष साफ़ सफाई रखते है|
Ram Navami 2021
राम नवमी की परंपरा
श्री राम भगवान विष्णु के सातवें अवतार थे। हिंदू धर्म ग्रंथ रामायण में श्री राम के जीवन और उनके चरित्र का बहुत ही सुंदर वर्णन किया गया है। साथ ही साथ श्री राम ने मानवता को एक बहुत ही बड़ा संदेश दिया “सत्यमेव जयते” अर्थात सत्य की जीत होती है व असत्य की हार होती है| इस संदेश को देने के लिए भगवान श्री राम ने इस पृथ्वी पर अवतार लिया था| और रावण का वध करके सिद्ध किया कि असत्य की हमेशा ही हार होती है चाहे कैसी भी परिस्थिति हो सदा सत्य के मार्ग पर चलना ही वास्तविक मे धर्म का सही अनुशरण करना है|
श्री राम की पूजा ( करने से आराधक के पास से बुरी शक्तियों को दूर हो जाती है और उन्हें आशीर्वाद के रूप में धैर्य व साहस की प्राप्ति होती है | यह भी माना जाता है की श्री राम के भक्तों को मोक्ष की प्राप्ति होती है|
भगवान् राम के प्रमुख पूजा स्थल
चूँकि श्री राम का जन्म उत्तर प्रदेश के अयोध्या मे हुआ था इसलिए भक्तों मे अयोध्या का महत्त्व सबसे ऊपर है | क्योंकि रावण के ऊपर विजय पाने के लिए श्री राम ने रामेश्वरम तीर्थ में भगवान शंकर की पूजा की व वहाँ पर शिवलिंग की स्थापना की थी इसलिए दक्षिण भारत में तमिलनाडु के रामेश्वरम तीर्थ का विशेष महत्त्व है| इन दोनों ही धार्मिक स्थलों पर हजारों लाखों की संख्या मे भक्त राम नवमी (Ram Navami) के दिन पहुँचते है|
भक्त इस हर्षोल्लास भरे दिन पर भगवान राम की पूजा करते हैं और महाकाव्य रामायण का पाठ करते हैं| भगवान राम के जन्म की खुशी में उनकी आरती (Shri Ramchandra Kripalu Bhaju Man) करते हैं और प्रसिद्ध भजन “भये प्रगट कृपाला दीनदयाला” (Bhaye Pragat Kripala Deen Dayala) गाते हैं।
Ram Ji Ki Aarti Lyrics
Shri Ramchandra Kripalu Bhaju Man
|| श्री राम जी की आरती ||
श्री रामचन्द्र कृपालु भजु मन हरण भवभय दारुणम् |
नवकंज लोचन कंज मुखकर कंजपद कन्जारुणम् ||
कंदर्प अगणित अमित छवि नव नील नीरज सुन्दरम् |
पट्पीत मानहुँ तडित रूचि शुचि नौमी जनक सुतावरम् ||
भजु दीन बंधु दिनेश दानव दैत्यवंशनिकंदनम् |
रघुनन्द आनंदकंद कौशल चंद दशरथ नन्दनम् ||
सिर मुकुट कुण्डल तिलक चारु उदार अंग विभूषणम |
आजानुभुज शर चापधर संग्राम जित खर-धूषणम ||
इति वदति तुलसीदास शंकर शेष मुनि मनरंजनम् |
मम ह्रदय कंज निवास कुरु कामादी खलदल गंजनम् ||
मनु जाहिं राचेऊ मिलिहि सो बरु सहज सुन्दर सावरों |
करुना निधान सुजान शील सनेहू जानत रावरो ||
एही भांती गौरि असीस सुनी सिय सहित हियँ हरषी अली |
तुलसी भवानिहि पूजि पुनि पुनि मुदित मन मंदिर चली ||
|| सोरठा ||
जानि गौरि अनुकूल सिय हिय हरषु न जाइ कहि |
मंजुल मंगल मूल बाम अंग फरकन लगे ||
मंगल भवन अमंगल हारी द्रबहु सु दशरथ अजिर बिहारी |
दीन दयालु बिरद सँभारि हरहुँ नाथ मम संकट भारी |
सियापति राम जय जय राम | मेरे प्रभु राम जय जय राम |
Ram Ji Ki Aarti PDF
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