[2022] Hanuman Jayanti Par Upay | Puja at Home | हनुमान जयंती
हनुमान जयंती
जानिए (Hanuman Jayanti Par Upay) हनुमान जी को प्रसन्न करने का अचूक उपाय, हनुमान जयंती की कथा (Hanuman Jayanti Story in Hindi) और हनुमान जी के सभी प्रमुख पाठ और पूजा विधि (Hanuman Jayanti Puja at Home)
(Hanuman Jayanti 2022) हनुमान जयंती (जन्मदिन) वर्ष में दो बार मनाई जाती है। पहली बार हिन्दू कैलेंडर के अनुसार चैत्र माह के शुक्ल पूर्णिमा वाले दिन जो मार्च या अप्रैल महीने में आता है और दूसरी बार कार्तिक माह में कृष्ण चतुर्दशी अर्थात नरक चतुर्दशी के दिन जो सितंबर-अक्टूबर के महीने में आता है|
मान्यता है कि चैत्र माह में आने वाली हनुमान जयंती के दिन ही हनुमान जी का जन्म हुआ था|
Hanuman Jayanti 2022 Date
इस वर्ष हनुमान जयंती 16 अप्रैल, 2022 शनिवार के दिन है|
पूर्णिमा तिथि आरंभ – 16, अप्रैल, 2022 शनिवार – भोर 2 : 26 मिनट से
पूर्णिमा तिथि समाप्त – 17, अप्रैल, 2022 रविवार रात्रि 12 : 22 मिनट तक
Hanuman & Sun Story
हनुमान जी की सूर्य को निगलने की कथा
चैत्र माह में आने वाली हनुमान जयंती (Hanuman Jayanti Story) के दिन की एक बहुत ही प्रचलित कथा है कि इस दिन हनुमान जी सूर्य को एक स्वादिष्ठ फल समझ कर खाने के लिए उनकी ओर बढ़े, देवताओं की जब हनुमान जी को रोकने की सभी कोशिश विफल हो गयी तब देवराज इन्द्र ने अपने वज्र से हनुमान जी पर प्रहार किया जिससे उनकी ठोड़ी पर चोट लगकर ठोड़ी टेढ़ी हो गयी| इसीलिए उनका नाम हनुमान पड़ा|
Hanuman Jayanti Story in Hindi
कार्तिक माह की हनुमान जयंती की कथा
कार्तिक माह में हनुमान जयंती मनाने के पीछे मान्यता है कि महर्षि वाल्मीकि ने रामायण में लिखा है कि हनुमान जी का जन्म कार्तिक माह की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी, स्वाति नक्षत्र, मेष लग्न में मंगलवार के दिन हुआ था। इसके लिए इस दिन को भी हनुमान जयंती के रूप में मनाया जाता है|
हनुमान जयंती की एक अन्य कथा (Hanuman Jayanti Story in Hindi) कुछ इस प्रकार है कि एक बार सीता जी अपनी मांग में सिंदूर भर रही थी| उनको ऐसा करते देखकर हनुमान जी ने उत्सुकता वश सीता माता से प्रश्न किया कि आप ऐसा क्यों कर रही हैं। हनुमान जी की जिज्ञासा को शांत करने के लिए सीता माता बोली कि ऐसा करने से श्री राम की आयु बढ़ती है और वो प्रसन्न होते है। यह सुनकर हनुमान जी ने विचार किया कि जब केवल एक चुटकी सिंदूर सीता माता लगाती है तब प्रभु श्री राम इतना अधिक खुश होते है| यदि मै अपने पूरे शरीर पर ही सिंदूर लगाऊँ तब तो वह अत्यंत ही प्रसन्न हो जाएंगे | पूरे शरीर सिंदूर लगाकर जब वो माता सीता के सामने गए, माता सीता ने उन्हें सिंदूर लगाए देखा और उनकी अनन्य भक्ति देख बहुत प्रसन्न गयी | उन्होंने हनुमान जी को अमर होने का वरदान दिया| यह कथा नरक चतुर्दशी के दिन की है | इसके लिए इस दिन को भी हनुमान जयंती मनाई जाती है| (Hanuman Jayanti Story in Hindi)
हनुमान जयंती (Hanuman Jayanti) को भारत के कुछ राज्यों में अलग दिनो में भी मनाया जाता है|उड़ीसा राज्य में वैशाख महीने के पहले दिन मनाई जाती है।
महाराष्ट्र राज्य में अश्विन महीने के चौदहवें दिन मनाई जाती है |
तमिलनाडु में हनुमान जयंती इक्तालीस दिनों तक चलने वाला त्यौहार है जोकि चैत्र पूर्णिमा वाले दिन से शुरू होकर कृष्ण पक्ष के दसवे दिन तक चलता है|
आँध्रप्रदेश व कर्नाटक राज्य में वैशाख महीने के दसवे दिन मनाया जाता है|
Hanuman Jayanti Puja at Home
हनुमान जी के प्रमुख पाठ और पूजा विधि
हनुमान जयंती (Hanuman Jayanti 2022) के दिन सुन्दरकाण्ड पाठ करना बहुत ही लाभकारी माना गया है | सुन्दरकाण्ड के पाठ के बाद संकट मोचन हनुमान अष्टक, बजरंग बाण, हनुमान जी की आरती व हनुमान चालीसा का पाठ करना चाहिए | हनुमान जी को प्रसन्न करने के लिए उन्हें चोला अर्पित किया जाता है और भोग में इमरती मिठाई का भोग उनको अत्यंत प्रिय है|
Hanuman Jayanti Par Upay
हनुमान जी को प्रसन्न करने का अचूक उपाय
हनुमान चालीसा की एक चौपाई में तुलसीदास जी ने भक्तो को हनुमान जी का आशीर्वाद पाने के लिए एक अचूक उपाय बताया है|
“जो सत बार पाठ कर कोई। छूटहि बंदि महा सुख होई”
अर्थात जो कोई भक्त सौ बार हनुमान चालीसा का पाठ करेगा वह अपने जीवन के सभी बंधनों से छूट जाएगा और उसे महा सुख की प्राप्त होगा।
हनुमान जी प्रसन्न करने की एक और विधि भी लाभकारी मानी गयी है| (Hanuman Jayanti Par Upay in Hindi)
हनुमान जी अतुलित बल के स्वामी है उनके बल, बुद्धि और विवेक का बहुत ही सुंदरता के साथ रामायण के पंचम सोपान में लिखा गया है इस सोपान को सुन्दरकाण्ड के नाम से जाना जाता है | सुन्दरकाण्ड का पाठ करना भी अत्यंत ही लाभकारी माना जाता है|
इसे भी पढ़े Hanuman Chalisa With Meaning – हनुमान चालीसा हिंदी अनुवाद
हनुमान जी का भक्तों को आशीर्वाद
तुलसीदास जी ने हनुमान चालीसा में बहुत ही सुंदरता से हनुमान भक्तों को पूजा से स्वाभाविक मिलने अनेको लाभ के बारे में बताया है |
हनुमान चालीसा के पाठ में स्पष्ट लिखा हुआ है कि हनुमान जी अपने भक्तों को बल, बुद्धि, विद्या देते है और उनके जीवन से क्लेश और विकारों को हर लेते है | हनुमान जी को संकट मोचन भी कहा जाता है क्योंकि वो भक्तो को सभी संकटों से मुक्ति दिलाते है|
हनुमान चालीसा की एक चौपाई है “और देवता चित्त न धरई। हनुमत सेइ सर्ब सुख करई“ इसका अर्थ है कि हे हनुमान जी! आपके भक्त को अन्य किसी देवता को चित में रखने की आवश्यकता नहीं रहती। आपकी सेवा से सब सुखों की प्राप्ति होती है|
“तुम्हरे भजन राम को पावै। जनम-जनम के दुख बिसरावै“ से तात्पर्य है कि जो भक्त हनुमान जी भजन करते है वो भक्त श्रीराम को प्राप्त करते है और उनके कई जन्मो के दुख दूर हो जाते है।
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