[PDF] Ganga Aarti Lyrics | Aarti Timing of Varanasi & Haridwar

[PDF] Ganga Aarti Lyrics Download | Ganga Aarti Timing of Varanasi & Haridwar – गंगा आरती

माना जाता है की गंगा मैया में साफ़ मन से स्नान करने से व्यक्ति के जन्मो के पाप धूल जाते है | गंगा स्नान के साथ ही माता की आरती का बहुत ही विशेष महत्व है| भारत के तीन पवित्र शहरों हरिद्वार (Ganga Aarti Timing in Haridwar) ऋषिकेश और वाराणसी (Ganga Aarti Varanasi Time Evening) में हर शाम गंगा मैया की आरती की जाती है। यह कहा जाता है कि यदि आप मोक्ष को प्राप्त करना चाहते है तो आपको जीवनकाल में एक बार तीनों आरतियों का हिस्सा जरूर बने।

Ganga Aarti Varanasi Time Evening

वाराणसी गंगा आरती

वाराणसी की गंगा आरती के लिए प्रतिदिन भारी सँख्या में भक्त वाराणसी आते है| और माँ गंगा के दर्शन कर माता के प्रति अपार श्रद्धा और भक्ति को व्यक्त करते है और अपने ह्रदय में दिव्य आनंद की अनुभूति करते है|

वाराणसी के दशाश्वमेघ घाट पर माँ गंगा की आरती देखने के लिए स्थानीय व् देश-विदेश से भक्तों का आना पुरे साल ही लगा रहता है| संध्या आरती के समय पुजारी हजारों बत्तियों से बने दीयो से गंगा मैया की आरती उतारते है साथ ही अनेको भक्त दीये जला कर गंगा में प्रवाहित करते है यह विहंगम दृश्य देखने वाला होता है इसे देखने के लिए बहुत सारे भक्त नाव में सवार होकर गंगा नदी के विपरीत तट पर जाकर करते है जिससे आरती के साथ इस दृश्य का भी आनंद ले सके।

संध्या आरती (Ganga Aarti Varanasi Time Evening) प्रतिदिन शाम 6 बजे सर्दियों में और गर्मियों में शाम 7:00 बजे से शुरू होती है और लगभग 45 मिनट तक चलती है। शाम एक घोषणा कर उपस्थित लोगों को सूचित करने के पश्चात आरती आरंभ होती है।

उपस्थित लोग घाट की सीढ़ियों, नावों या गंगा सेवा निधि के कार्यालय की छत पर बैठकर आरती देख सकते हैं। सुविधापूर्वक आरती देखने के लिए एक अच्छी जगह हासिल करने के लिए, कम से कम एक घंटे पहले कार्यक्रम स्थल पर पहुंचना बेहतर है।

Ganga Aarti Timing in Haridwar

हरिद्वार गंगा आरती समय

हरिद्वार का हर की पौड़ी घाट  गंगा मैया में स्नान व् गंगा आरती के लिए पूरे विश्व में प्रसिद्ध है|हर की पौड़ी से भावार्थ है “भगवान् हरी श्री विष्णु के चरण” इस घाट का विशेष महत्व है, माना जाता है जो व्यक्ति हर की पौड़ी पर गंगा स्नान करता है वह अंत में श्री हरी के चरणों में स्थान पाता है इसलिए हर की पौड़ी का एक विशेष महत्व है| 

एक मान्यता यह भी है कि समुद्र मंथन से निकले अमृत को विश्वकर्मा जी दानवों से बचाकर ले जा रहे थे| अमृत कलश में से कुछ बूंदे नीचे पृथ्वी पर गिर गई जिन स्थानों पर अमृत की बूंद गिरी, वे हैं नासिक, उज्जैन, हरिद्वार और इलाहाबाद। इन सभी जगहों पर कुंभ मेला आयोजित किया जाता है। मोक्ष पाने के लिए कुंभ के दिनों में करोड़ो भक्त कुंभ स्नान करते है|

Ganga Aarti Timing in Haridwar प्रतिदिन शाम 6:00 बजे से 7:00 बजे तक हर की पौड़ी घाट पर गंगा आरती होती है जिसमे हजारों-लाखों भक्त माँ गंगा की आरती करते हैं। और सुबह की आरती 5:30 से शुरू होती है दोनों ही आरतियाँ लगभग 1 घंटे तक चलती है|  

पुजारी अपने हाथों में बड़े-बड़े दीपो जिनमे हजारो बत्तियाँ होती है उनसे माता की आरती करते हैं, साथ ही श्रद्धालु भी फूल व् दीया जलाकर बहती गंगा में प्रवाहित करते है| इन दीयो की छाया नदी पर प्रतिबिंबित होती है और बहती गंगा पर प्रकाश इतनी सुंदर दिखती है जिसे शब्दों में व्यक्त नहीं किया जा सकता है।

आरती शुरू होने पर घाट पर बने मंदिरों में घंटियाँ बजने लगती हैं और पुजारियों द्वारा  मंत्रों का जाप वातावरण को  दिव्य बना देता हैं। शाम की गंगा आरती में भाग लेना एक बहुत ही अदभुत अनुभव है। जो भक्तों को गंगा मैया के प्रति श्रद्धा-भक्ति से भर देता है|  

Ganga Maiya Ki Aarti Lyrics in Hindi

Ganga Aarti Timing in Haridwar

|| गंगा मैया की आरती ||

हर हर गंगे, जय माँ गंगे |
हर हर गंगे, जय माँ गंगे |

ॐ जय गंगे माता, श्री जय गंगे माता ।
जो नर तुझको ध्याता, जो नर तुझको ध्याता,
मनवांछित फल पाता | ॐ जय गंगे माता…..

चन्द्र सी ज्योत तुम्हारी,
जल निर्मल आता, मैया जल निर्मल आता,
शरण पड़े जो तेरी, शरण पड़े जो तेरी,
सो नर तर जाता ॥ ॐ जय गंगे माता…..

पुत्र सगर के पारे,
सब जग को ज्ञाता, मैया सब जग को ज्ञाता,
कृपा दृष्टि तुम्हारी, कृपा दृष्टि तुम्हारी,
त्रिभुवन सुख दाता ॥ ॐ जय गंगे माता…..

एक बार ही जो तेरी,
शरणागति आता, मैया शरणागति आता,
यम की त्रास मिटाकर, यम की त्रास मिटाकर,
परमगति पाता ॥ ॐ जय गंगे माता…..

आरती मात तुम्हारी,
जो जन नित्त गाता, मैया जो जन नित्त गाता,
दास वही सहज में, दास वही सहज में,
मुक्ति को पाता ॥ ॐ जय गंगे माता…..

ॐ जय गंगे माता, श्री जय गंगे माता ।
जो नर तुझको ध्याता, जो नर तुझको ध्याता |
मनवांछित फल पाता ॥ ॐ जय गंगे माता…..

Ganga Maiya Ki Aarti Lyrics in Hindi PDF

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Ganga Aarti Lyrics in English

|| Ganga Maiya Aarti ||

Har Har Gange, Jai Maa Gange |
Har Har Gange, Jai Maa Gange |

Om Jai Gange Mata, Shree Jai Gange Mata,
Jo Nar Tujhako Dhyaata, Jo Nar Tujhako Dhyaata,
Manvaanchhit Phal Paata | Om Jai Gange Mata…..

Chandr Si Jyot Tumhari,
Jal Nirmal Aata, Maiya Jal Nirmal Aata,
Sharan Pade Jo Teri, Sharan Pade Jo Teri,
So Nar Tar Jaata . Om Jai Gange Mata…..

Putr Sagar Ke Paare,
Sab Jag Ko Gyaata, Maiya Sab Jag Ko Gyaata,
Kripa Drishti Tumhari, Kripa Drishti Tumhari,
Tribhuvan Sukh Daata . Om Jai Gange Mata…..

Ek Baar Hee Jo Teri,
Sharanaagati Aata, Maiya Sharanaagati Aata,
Yam Ki Traas Mitakar, Yam Ki Traas Mitakar,
Paramagati Paata, Om Jai Gange Mata…..

Aarti Maat Tumhari,
Jo Jan Nitt Gaata, Maiya Jo Jan Nitt Gaata,
Daas Vahee Sahaj Mein, Daas Vahee Sahaj Mein,
Mukti Ko Paata . Om Jai Gange Mata…..

Om Jai Gange Mata, Shree Jai Gange Mata,
Jo Nar Tujhako Dhyaata, Jo Nar Tujhako Dhyaata,
Manvaanchhit Phal Paata | Om Jai Gange Mata…..

Ganga Aarti Lyrics in English PDF

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