Free download Krishna Ji Ki Aarti “Aarti Kunj Bihari Ki Lyrics PDF” – कृष्ण जी की आरती “आरती कुंज बिहारी की” scroll down & click on the download link given below.
“आरती कुंज बिहारी की” को प्रेमपूर्वक गाकर भक्त बड़ी श्रद्धा से भगवान् श्री कृष्ण जी की आरती उत्तारते है| विशेष रूप से कृष्णा जन्माष्टमी की रात 12 बजे इस आरती को गाकर बाल कृष्णा को पालने में झुलाया जाता है|
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Shree Krishna Jamanashtami
जन्माष्टमी भगवान विष्णु के आठवें अवतार भगवान श्री कृष्ण के जन्म का उत्सव है। श्री कृष्ण जन्माष्टमी हिंदू कैलेंडर के अनुसार हर साल भाद्रपद महीने की कृष्ण पक्ष अष्टमी के दिन मनाया जाता है| जो अगस्त या सितंबर महीने में आता है। कृष्ण जन्माष्टमी त्योहार का उत्सव दो दिनों तक होता है। त्योहार के पहले दिन को कृष्ण अष्टमी व गोकुल अष्टमी और दूसरे दिन को काल अष्टमी व जन्माष्टमी के रूप में जाना जाता है। दही-हांडी और रास-लीला इस त्योहार को मनाने की प्रमुख परंपराएं हैं।
श्री कृष्ण जन्माष्टमी का इतिहास
भगवान कृष्ण, यादव वंश के राजा श्री वासुदेव और मथुरा के राजा कंस की बहन श्री देवकी के पुत्र थे| श्री देवकी के विवाह के दिन आकाशवाणी हुई कि कंस को देवकी के आठवें पुत्र द्वारा मार दिया जाएग। इसलिए कंस ने वासुदेव और देवकी को जेल में डाल दिया और उनके आठवीं संतान तक उनके सभी बच्चों को मारना शुरू कर दिय। कृष्ण जन्माष्टमी पर भगवान कृष्ण उसी जेल में जन्मे लेकिन उस दिन भगवान् के चमत्कार फलस्वरूप श्री वासुदेव कृष्ण जी को कंस से बचाने के लिए उन्हें नंदगाँव में अपने मित्र नंद बाबा और उनकी पत्नी यशोदा को सौंप आये। भगवान कृष्ण के जन्म लेने की ख़ुशी में इस दिन कृष्ण जन्माष्टमी मनाया जाता है।
Aarti Kunj Bihari Ki Lyrics in Hindi
“आरती कुंज बिहारी की” श्री कृष्णा जी की आरती
आरती कुंज बिहारी की, श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की ||
आरती कुंज बिहारी की, श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की ||
गले में बैजंतीमाला, बजावै मुरली मधुर बाला,
श्रवण में कुण्डल झलकाला, नंद के आनंद नंदलाला,
गगन सम अंग कांति काली, राधिका चमक रही आली,
लतन में ठाढ़े बनमाली, भ्रमर सी अलक, कस्तूरी तिलक,
चंद्र – सी झलक, ललित छवि स्यामा प्यारी की ||
आरती कुंज बिहारी की, श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की ||
कनकमय मोर- मुकुट बिलसै, देवता दरसनको तरसैं,
गगन सों सुमन रासि बरसै, बजे मुरचंग, मधुर मिरदंग,
ग्वालिन संग, अतुल रति गोप कुमारी की ||
आरती कुंज बिहारी की, श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की ||
जहां ते प्रकट भई गंगा, सकल- मल- हारिणि श्रीगंगा,
स्मरन ते होत मोह- भंगा, बसी सिव सीस, जटाके बीच,
हरै अघ कीच, चरन छबि श्री बनवारी की ||
आरती कुंज बिहारी की, श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की ||
चमकती उज्ज्वल तट रेनू, बज रही बृन्दाबन बेनू,
चहुं दिसि गोपि ग्वाल धेनू, हंसत मृदु मंद, चांदनी चंद,
कटत भव-फंद, टेर सुनु दीन दुखारी की ||
आरती कुंज बिहारी की, श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की ||
आरती कुंज बिहारी की, श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की ||
Aarti Kunj Bihari Ki Lyrics in Hindi PDF
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Aarti Kunj Bihari Ki Lyrics English
Aarti Kunj Bihari Ki, Shree Giridhar Krishna Murari Ki ||
Aarti Kunj Bihari Ki, Shree Giridhar Krishna Murari Ki ||
Gale Mein Baijantimala, Bajaavai Murali Madhur Bala,
Shravan Mein Kundal Jhalakala, Nand Ke Aanand Nandalala,
Gagan Sam Ang Kanti Kalee, Radhika Chamak Rahi Aalee,
Latan Mein Thadhe Banamalee, Bhramar See Alak,
Kasturi Tilak, Chandra – See Jhalak, Lalit Chhavi Syama Pyaree Ki ||
Aarti Kunj Bihari Ki, Shree Giridhar Krishna Murari Ki ||
Kanakamay Mor- Mukut Bilasai, Devta Darasanako Tarasain,
Gagan Son Suman Raasi Barasai, Baje Murachang, Madhur Miradang,
Gvaalin Sang, Atul Rati Gop Kumaree Ki ||
Aarti Kunj Bihari Ki, Shree Giridhar Krishna Murari Ki ||
Jahaan Te Prakat Bhee Ganga, Sakal- Mal- Harini Shreeganga,
Smaran Te Hot Moh- Bhanga, Basee Siv Sees, Jataake Beech,
Harai Agh Kich, Charan Chhabi Shree Banavaree Ki ||
Aarti Kunj Bihari Ki, Shree Giridhar Krishna Murari Ki ||
Chamakatee Ujjval Tat Renoo, Baj Rahee Brindaban Benoo,
Chahun Disi Gopi Gvaal Dhenoo, Hansat Mrdu Mand,
Chandanee Chand, Katat Bhav-Phand, Ter Sunu Deen Dukhaaree Ki ||
Aarti Kunj Bihari Ki, Shree Giridhar Krishna Murari Ki ||
Aarti Kunj Bihari Ki, Shree Giridhar Krishna Murari Ki ||
Aarti Kunj Bihari Ki Lyrics English PDF
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