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Mahagauri Mata – आठवें नवरात्रि (Navratri Devi) की देवी जानिये माता की कथा, स्वरुप व सभी मंत्र

नवरात्रि का आठवां (8Th Navratri) दिन जिसे अष्टमी कहा जाता है, देवी माँ महागौरी (Mahagauri Mata) को समर्पित है| नाम महागौरी दो शब्दों के जोड़ से बना है एक शब्द है ‘महा’ जिसका अर्थ है ‘महान’ और ‘गौरी’ शब्द से तात्पर्य है ‘ग़ौर वर्ण” अर्थात वह देवी जो महान है और जिसका ग़ौर वर्ण है|

नवरात्रि के आठवें दिन का नवरात्रि पूजा (Navratri Festival) मे विशेष महत्व है | करीब पचास प्रतिशत भारतीय परिवार नवरात्रि के अष्टमी वाले दिन को पूजते है| इस दिन नौ कन्याओ को माँ नवदुर्गा (Navdurga) के नौ स्वरूपों के रूप मे पूजा जाता है| कन्याओ को आदरपूर्वक बिठाकर बड़ी श्रद्धा से उनके पैर धोए जाते हैं| और फिर उनके माथे पर तिलक लगाया जाता है। उन्हें पूड़ी, हलवा, खीर व काला चना आदि का भोग लगाया जाता है| और उन्हें प्रेमपूर्वक उपहार दिया जाता है। और मातारानी के जयकारे लगाए जाते है|

माँ महागौरी  स्वरूप – Maa Mahagauri Ka Swaroop

माँ महागौरी (Maa Mahagauri) को अनेकोनेक नाम से पुकारा जाता है| जिनमे से कुछ प्रमुख नामो को माता के स्वरूप से जोड़ा गया है | क्योंकि माँ सफ़ेद वस्त्र धारण किया हुए है इसलिए उन्हें श्वेताम्बरधरा (Swetambardhara) के नाम से भी जाना जाता है | माता के चार हाथ है तो उन्हें चतुर्भुजी (Chaturbhuji) और माता बैल पर सवार है इसके लिए उन्हें वृषारूढ़ा (Vrisharudha) भी कहा जाता है |  

माँ दुर्गा महागौरी (Maa Mahagauri) के रूप मे सफ़ेद वस्त्र धारण किये हुए है| वह बैल पर सवार है| उनके तीन नेत्र है और उनके चार भुजाएं (हाथ) है जिनमे से एक हाथ वरद मुद्रा और एक हाथ अभय मुद्रा में हैं एक भुजा मे त्रिशूल और एक भुजा मे डमरू लिए हुए है |

महागौरी की कथा Mahagauri Mata Ki Katha

माना गया है कि (Mahagauri Mata) महागौरी देवी पार्वती का 16 वर्षीय अविवाहित रूप है। एक पौराणिक कथा के अनुसार, माता पार्वती ने भगवान शिव को अपने पति के रूप में पाने के लिए सभी सुखों को त्याग कर जंगल में हजारों वर्षों तक कठिन तपस्या  की । इतनी कठिन तपस्या कि उन्हें अपने शरीर का कोई ध्यान ही नहीं रहा जिसके कारण उनके शरीर पर धूल, मिट्टी पड़ने से उनका रंग काला हो गया | माता की कठिन तपस्या से प्रसन्न होकर भगवान शिव ने उनसे शादी करने का वचन दिया और उनके ऊपर से धूल, मिट्टी को साफ़ करने के लिए पवित्र गंगाजल देवी पार्वती के ऊपर डाला | जिससे माँ पार्वती (Maa Mahagauri) का शरीर पहले की भांति अत्यंत श्वेत (ग़ौर वर्ण) का हो गया | अत्यंत श्वेत रंग होने से भगवान शिव ने उन्हें महागौरी (Mahagauri) नाम दिया| उनके सौंदर्यता की प्रशंसा करने के लिए उनकी तुलना शंख, चंद्रमा और चमेली के फूल से की जाती है।

महागौरी (Mahagauri) की कृपा की व्याख्या करना अनंत का वर्णन करने जैसा है। महागौरी अत्यंत ही दयालु देवी हैं। जो जल्दी ही प्रसन्न हो जाती है| माता पापों का नाश करके आत्माओं को शुद्ध करती है। माता की आराधना व्यक्ति को पुण्य के मार्ग पर ले जाकर सांसारिक दुनिया के जंजाल से मनुष्यों को मुक्त करती है| भक्तों के सभी कष्ट मिट जाते है | 

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महागौरी माता के मंत्र Mahagauri Mata Ke Mantra

Mahagauri Mata Mantra
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माँ महागौरी स्तुति | Mahagauri Mata Stuti

या देवी सर्वभू‍तेषु माँ महागौरी रूपेण संस्थिता । नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः ||
Ya Devee Sarvabhooteshu Maan Mahagauri Roopen Sansthita | Namastasyai Namastasyai Namastasyai Namo Namah ||

माँ महागौरी मंत्र | Maa Mahagauri Mantra

ॐ देवी महागौर्यै नमः||
Om Devee Mahagauriey Namah ||

माँ महागौरी प्रार्थना | Mahagauri Mata Prarthana

श्वेते वृषेसमारूढा श्वेताम्बरधरा शुचिः |
महागौरी शुभं दद्यान्महादेव प्रमोददा ||

Shvete Vrshesamaaroodha Shvetaambaradhara Shuchih |
Mahagauri Shubhan Dadyaanmahaadev Pramodada ||

माँ महागौरी का स्त्रोत | Maa Mahagauri Stotra

सर्वसंकट हंत्री त्वंहि धन ऐश्वर्य प्रदायनीम् |
ज्ञानदा चतुर्वेदमयी महागौरी प्रणमाभ्यहम् ||
सुख शान्तिदात्री धन धान्य प्रदीयनीम् |
डमरूवाद्य प्रिया अद्या महागौरी प्रणमाभ्यहम् ||
त्रैलोक्यमंगल त्वंहि तापत्रय हारिणीम् |
वददं चैतन्यमयी महागौरी प्रणमाम्यहम् ||

Sarvsankat Hantri Twhnhi Dhan Aishwarya Pradayanim |
Gyanada Chaturvedamayi Mahagauri Pranabhagyam ||
Sukh Shantidatri Dhan Dhanya Pradyaniyam |
Damruvadya Priya Adya Mahagauri Pranabhagyam ||
Traylokyamangal Twathi Tapatray Hariniam |
Vadadana Chaitanyamayi Mahagauri Pranamamayam ||

माँ महागौरी ध्यान | Mahagauri Mata Dhyan

वन्दे वाञ्छित कामार्थे चन्द्रार्धकृतशेखराम् |
सिंहारूढा चतुर्भुजा महागौरी यशस्विनीम् ||
पूर्णन्दु निभाम् गौरी सोमचक्रस्थिताम् अष्टमम् महागौरी त्रिनेत्राम् |
वराभीतिकरां त्रिशूल डमरूधरां महागौरी भजेम् ||
पटाम्बर परिधानां मृदुहास्या नानालङ्कार भूषिताम् |
मञ्जीर, हार, केयूर, किङ्किणि, रत्नकुण्डल मण्डिताम् ||
प्रफुल्ल वन्दना पल्लवाधरां कान्त कपोलाम् त्रैलोक्य मोहनम् |
कमनीयां लावण्यां मृणालां चन्दन गन्धलिप्ताम् ||

Vande Vaanchit Kamarthe Chandradhikritashekharam |
Sinharudha Chaturbhuja Mahagauri Yashasvinam ||
Poornandu Nibham Gauri Somachakrasthittam Ashtamam Mahagauri Trinetram |
Varabhatikaran Trishul Damrudharan Mahagauri Bhajem ||
Patamber Paridhana Mriduhasya Nanalkar Bhushitam |
Manjir, Haar, Keur, Kinkini, Ratnakundal Manditam ||
Prafulla Vandana Pallavadharan Kant Kapolam Trilokya Mohanam |
Kamaniya Lavanya Mrinalan Chandan Gandhalipatam ||

माँ महागौरी कवच | Maa Mahagauri Kavach

ॐकारः पातु शीर्षो माँ हीं बीजम् माँ हृदयो |
क्लीं बीजम् सदापातु नभो गृहो च पादयो ||
ललाटम् कर्णो हुं बीजम् पातु महागौरी माँ नेत्रम्‌ घ्राणो |
कपोत चिबुको फट् पातु स्वाहा माँ सर्ववदनो ||

Omkaarah Paatu Sheersho Maan, Heen Beejam Maan, Hrdayo |
Kleen Beejam Sadaapaatu Nabho Grho Ch Paadayo ||
Lalaatam Karno Hun Beejam Paatu Mahagauri Maan Netram Ghraano |
Kapot Chibuko Phat Paatu Svaaha Maan Sarvavadano ||

माँ महागौरी आरती | Mahagauri Mata Ki Aarti

जय महागौरी जगत की माया | जया उमा भवानी जय महामाया ||
हरिद्वार कनखल के पासा | महागौरी तेरा वहां निवासा ||
चंद्रकली ओर ममता अम्बे | जय शक्ति जय जय मां जगदंबे ||
भीमा देवी विमला माता | कौशिकी देवी जग विख्याता ||
हिमाचल के घर गौरी रूप तेरा | महाकाली दुर्गा है स्वरूप तेरा ||
सती सत हवन कुंड में था जलाया | उसी धुएं ने रूप काली बनाया ||
बना धर्म सिंह जो सवारी में आया | तो शंकर ने त्रिशूल अपना दिखाया ||
तभी मां ने महागौरी नाम पाया | शरण आनेवाले का संकट मिटाया ||
शनिवार को तेरी पूजा जो करता | मां बिगड़ा हुआ काम उसका सुधरता ||
भक्त बोलो तो सोच तुम क्या रहे हो | महागौरी मां तेरी हरदम ही जय हो ||
जय महागौरी जगत की माया | जया उमा भवानी जय महामाया ||

Jay Mahagauri Jagat Kee Maaya |
Jaya Uma Bhavaanee Jay Mahaamaaya ||
Haridvaar Kanakhal Ke Paasa |
Mahagauri Tera Vahaan Nivaasa ||
Chandrakalee Or Mamata Ambe |
Jay Shakti Jay Jay Maan Jagadambe ||
Bheema Devee Vimala Maata |
Kaushikee Devee Jag Vikhyaata ||
Himaachal Ke Ghar Gauree Roop Tera |
Mahaakaalee Durga Hai Svaroop Tera ||
Satee Sat Havan Kund Mein Tha Jalaaya |
Usee Dhuen Ne Roop Kaalee Banaaya ||
Bana Dharm Sinh Jo Savaaree Mein Aaya |
To Shankar Ne Trishool Apana Dikhaaya ||
Tabhee Maan Ne Mahagauri Naam Paaya |
Sharan Aanevaale Ka Sankat Mitaaya ||
Shanivaar Ko Teree Pooja Jo Karata |
Maan Bigada Hua Kaam Usaka Sudharata ||
Bhakt Bolo To Soch Tum Kya Rahe Ho |
Mahagauri Maan Teree Haradam Hee Jay Ho ||
Jay Mahagauri Jagat Kee Maaya |
Jaya Uma Bhavaanee Jay Mahaamaaya ||

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