2022 योगिनी एकादशी | Yogini Ekadashi Vrat Vidhi & Katha in Hindi
जो व्यक्ति कुष्ठ रोग या त्वचा संबंधी किसी भी रोग से पीड़ित हैं। उनके लिए योगिनी एकादशी व्रत बहुत फलदायक है| महर्षि मार्कण्डेय ने एक कुष्ट रोगी को इस व्रत के बारे में बताया है, इसके बारे में नीचे स्क्रॉल कर योगिनी एकादशी व्रत की कथा में आप पढ़ सकते है|
योगिनी एकादशी व्रत के लाभ – Yogini Ekadashi Vrat Benefits
योगिनी एकादशी व्रत व्यक्ति को सभी पापों से मुक्त कर अच्छा स्वास्थ्य प्रदान करता है और बुरे कर्मों से दूर रहने के लिए प्रेरित करता है| यह व्रत हर उस व्यक्ति के लिए जरुरी है किसी भी प्रकार की शारीरिक समस्याओं से जूझ रहे है और शारीरिक समस्याओं से दूर चाहते हैं। उन्हें यह उपवास विशेष रूप से रखना चाहिए|
2022 Yogini Ekadashi Kab Hai
भगवान् विष्णु के भक्तों द्वारा रखे जाने वाला योगिनी एकादशी हिंदू कैलेंडर के अनुसार आषाढ़ माह में कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को आता है और अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार, यह दिन हर साल जून-जुलाई महीने के दौरान आता है|
योगिनी एकादशी तिथि, निर्जला एकादशी (ज्येष्ठ माह, शुक्ल पक्ष एकादशी) के बाद और देव शयिनी एकादशी (आषाढ़ शुक्ल पक्ष) से पहले आती है|
योगिनी एकादशी तिथि 2022 में 24 जून, शुक्रवार के दिन है|
योगिनी एकादशी व्रत पारण समय
सभी एकादशी व्रत का पारण का समय होता है और इसी के अनुसार ही व्रती को पारण करना चाहिए| 2022 योगिनी एकादशी व्रत का पारण 25 जून 2022, दिन शनिवार की सुबह 5:47 से सुबह 8:28 तक है|
योगिनी एकादशी की कथा – Yogini Ekadashi Vrat Katha
युधिष्ठिर द्वारा योगिनी एकादशी के बारे में पूछने पर स्वयं भगवान् श्री कृष्णा ने उन्हें योगिनी की कथा सुनाई थी| वह कथा कुछ इस प्रकार है-
यह कथा है यक्षों की नगरी अलकापुरी की जहाँ के राजा देवताओं के कोषाध्यक्ष कुबेर थे| कुबेर भगवान् शिव के अनन्य भक्त है और प्रतिदिन वह भगवान् शिव की पूजा पूरे विधि-विधान से करते थे| भगवान् शिव को अर्पित करने के लिए प्रतिदिन मानसरोवर से सुन्दर और सुगन्धित पुष्प लेकर आने का काम राजा ने हेममाली नाम के माली को सौप रखा था| हेममाली की पत्नी अत्यंत सुन्दर थी जिसका नाम स्वरूपवती था| हेममाली अपनी पत्नी के रूप के प्रति अत्यधिक आशक्त था| वह हर समय पत्नी का विचार करता रहता था|
एक दिन हेममाली मानसरोवर से पुष्प लेकर महल ना जाकर अपनी पत्नी के पास चला गया और पत्नी के संग रहकर पुष्प राजा को देना भूल गया| पूजा कर रहे कुबेर को जब पता चला कि माली फूल लेकर नहीं आया तो उन्होंने क्रोध मे आकर अपने सैनिकों को यह पता करने भेजा कि हेममाली फूल लेकर क्यों नहीं आया| सैनिकों ने वापिस आकर सूचना दी कि हेममाली अपनी पत्नी के साथ रमण में व्यस्त है|
कुबेर ने क्रोध में आकर हेममाली को दंड स्वरुप श्राप दिया की उसे सफ़ेद कोढ़ की बीमारी हो जाए और वह निम्न लोक में जा गिरे| साथ ही वह अपनी पत्नी से भी दूर हो जाए| उसे अलकापुरी निकाल कर पृथ्वी लोक में कष्ट भोगने भेज दिया|
हेममाली को कुष्ठ रोग हो गया और वह एक जंगल में ऐसी दीन -हीन हालत में लंबे समय तक जंगल में भटकता रहा| भटकते हुए एक दिन हेममाली ऋषि मार्कंडेय से मिले। हेममाली पर दया कर ऋषि ने उन्हें भगवान विष्णु की पूजा करने और श्राप से मुक्ति पाने के लिए योगिनी एकादशी का व्रत रखने का सुझाव दिया।
ऋषि का सुझाव मानकर हेममाली ने सम्पूर्ण समर्पण के साथ भगवान विष्णु की पूजा और योगिनी एकादशी का व्रत किया| फलस्वरूप हेममाली को श्राप से मुक्ति मिली और वह वापस यक्ष बन अपनी पत्नी के साथ अलकापुरी में एक खुशहाल जीवन व्यतीत किया|
योगिनी एकादशी व्रत विधि – Yogini Ekadashi Vrat Vidhi
योगिनी एकादशी व्रत विधि अन्य एकादशी व्रत के समान ही है| व्रत विधि पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करे?
[PDF] Vishnu Bhagwan Ki Aarti in Hindi | Om Jai Jagdish Hare Free Download
योगिनी एकादशी व्रत में क्या खाना चाहिए?
एकादशी पर सूर्योदय से अगले दिन पारण के समय तक उपवास रखा जाता है|
– व्रती को एकादशी व्रत से एक दिन पहले से ही सात्विक भोजन ही करना चाहिए, मांसाहार, प्याज, लहसुन इत्यादि को बिलकुल भी सेवन नहीं करना चाहिए|
– व्रत के दिन व्रती दूध व् फल ले सकते है, कोशिश करनी चाहिए की बार-बार ना खाएं|
Yogini Ekadashi Vrat in English/ Tamil/ Telugu/ Gujrati/ Marathi
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