Vishnu Ji Ki Aarti in Hindi | Om Jai Jagdish Hare Aarti PDF Download

Free download विष्णु जी की आरती – ॐ जय जगदीश हरे आरती PDF | Vishnu Ji Ki Aarti – Om Jai Jagdish Hare Aarti PDF Lyrics in Hindi & English, scroll down & click on the download link given below.

भगवान् विष्णुजी की पूजा-अर्चना करने से पूर्व उनकी स्तुति करके उनका आव्हान करना चाहिए। ऐसा कर हम भगवान् को पूजा स्थल पर प्रत्यक्ष उपस्थित मानकर पूजा करते है, तो पूजा-अर्चना से विशेष लाभ होता है।

भगवान् विष्णुजी का स्तुति मंत्र इस प्रकार है।

Vishnu Ji Ki Aarti PDF

Om Jai Jagdish Hare Aarti Lyrics in Hindi with Meaning

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ओम जय जगदीश हरे आरती लिरिक्स – हिंदी अर्थ सहित

ॐ जय जगदीश हरे, स्वामी जय जगदीश हरे । भक्त जनों के संकट, क्षण में दूर करे ।
ॐ जय जगदीश हरे ।।


अर्थात: हे जगत के स्वामी, आप ही है जो अपने दास और भक्त जनो के संकट मात्र क्षण में दूर करते है।

जो ध्यावे फल पावे, दुःख बिनसे मन का । प्रभु दुःख बिनसे मन का ।।
सुख-सम्पति घर आवे, कष्ट मिटे तन का । ॐ जय जगदीश हरे ।।


जो आपका ध्यान करेंगे उन पर आपकी कृपा होगी। आपकी कृपा के फलस्वरूप उनके पास सुख तथा सम्पत्ति आएगी, उनके शरीर के रोग व् कष्ट मिट जाएंगे और इस प्रकार उनके मन से सभी दुःख मिट जाएंगे।
(Vishnu Ji Ki Aarti)

मात पिता तुम मेरे, शरण गहूं मै किसकी । प्रभु शरण गहूं मै किसकी ।।
तुम बिन और न दूजा, आस करूं मैं जिसकी । ॐ जय जगदीश हरे ।।


आप ही मेरे माता और पिता हैं, आपके सिवा मेरे पास कोई दूसरा नहीं है, जिससे मै कोई आस रख सकूँ मै आपके अलावा और किसकी शरण में जाऊं! प्रभु ।

तुम पूरण परमात्मा, तुम अन्तर्यामी । प्रभु तुम अन्तर्यामी ।।
पारब्रह्म परमेश्वर, तुम सब के स्वामी । ॐ जय जगदीश हरे ।।


आप हम आत्माओ के ह्रदय की बात जानने वाले हमारे स्वामी है। आप इस जगत से परे निर्गुण परमेश्वर ब्रह्म है। आप ही इस सृष्टि के रचयिता, संचालक और सब के स्वामी है।

तुम करुणा के सागर, तुम पालनकर्ता । प्रभु तुम पालनकर्ता ।।
मैं मूरख खल कामी, कृपा करो भर्ता । ॐ जय जगदीश हरे ।।


हे जगदीश आप दया का सागर है और इस सृष्टि का पालन करते है। मै स्वार्थ से भरा हुआ मुर्ख हूँ जो हर काम फल की इच्छा से करता हूँ। मुझे अपना सेवक जानकार मुझ पर अपनी कृपा कीजिये! स्वामी।

तुम हो एक अगोचर, सबके प्राणपति । प्रभु सबके प्राणपति ।।
किस विधि मिलूं दयामय, तुमको मैं कुमति । ॐ जय जगदीश हरे ।।


आप सभी प्राणियों के प्राणो को रक्षा करने वाले ब्रह्म है, जिन्हे देखा नहीं जा सकता। हे दयालु, मै एक बुद्धिहीन हूँ और कोई ऐसा उपाय भी नहीं जानता जिससे मै आपसे मिल सकूँ।

दीन-बन्धु दुःख-हर्ता, तुम रक्षक मेरे । प्रभु तुम रक्षक मेरे ।।
अपने हाथ उठाओ, द्वार पड़ा तेरे । ॐ जय जगदीश हरे ।।


हे जगदीश, आप दीनो के सहायक और उनके दुखो हरने वाले है, आप ही मेरे प्रभु ठाकुर जी (श्री कृष्णा) है। स्वामी, आप मेरे रक्षक हैं। मैं आपके द्वार पर पड़ा हूँ कृपया अपने हाथ उठाकर मुझे अपनी शरण में लीजिये।

विषय विकार मिटाओ, पाप हरो देवा । प्रभु पाप हरो देवा ।।
श्रद्धा भक्ति बढ़ाओ, सन्तन की सेवा । ॐ जय जगदीश हरे ।।

हे देव, मेरे मन से सांसारिक विषय विकारो को दूर कर मेरे पापो को हर लीजिये। मेरे ह्रदय में आपके प्रति श्रद्धा और भक्ति भाव बढ़ा दीजिये जिससे मै आपकी सेवा सकूँ।

तन, मन, धन सब कुछ है तेरा । प्रभु सब कुछ है तेरा ।।
तेरा तुझको अर्पण, क्या लागे मेरा । ॐ जय जगदीश हरे ।।


हे जगदीश, यह शरीर, मन और धन सब आपके द्वारा ही दिया हुआ है, ये सब मेरा कुछ भी नहीं लगता। मैं सब आपको अर्पित करता हूँ।

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यह भी पढ़े

Om Jai Jagdish Hare Aarti Lyrics in English

Om Jai Jagdish Hare, Svami Jai Jagdish Hare ।
Bhakt Janon Ke Sankat, Kshan Mein Door Kare ।
Om Jai Jagdish Hare ।।

Jo Dhyaave Phal Paave, Duhkh Binase Man Ka ।
Prabhu Duhkh Binase Man Ka ।।
Sukh-Sampati Ghar Aave, Kasht Mite Tan Ka ।
Om Jai Jagdish Hare ।।

Maat Pita Tum Mere, Sharan Gahoon Mai Kisaki ।
Prabhu Sharan Gahoon Mai Kisaki ।।
Tum Bin Aur Na Dooja, Aas Karoon Main Jisaki ।।
Om Jai Jagdish Hare ।।

Tum Pooran Paramaatma, Tum Antaryaami ।
Prabhu Tum Antaryaami ।।
Paarbrahm Parameshvar, Tum Sab Ke Svami ।।
Om Jai Jagdish Hare ।।

Tum Karuna Ke Sagar, Tum Paalankarta ।
Prabhu Tum Paalankarta ।।
Main Moorakh Khal Kaami, Kripa Karo Bharta ।।
Om Jai Jagdish Hare ।।


Tum Ho Ek Agochar, Sabake Praanpati ।
Prabhu Sabake Praanpati ।।
Kis Vidhi Miloon Dayaamay, Tumako Main Kumati ।।
Om Jai Jagdish Hare ।।

Deen-Bandhu Duhkh-Harta, Tum Rakshak Mere ।
Prabhu Tum Rakshak Mere ।।
Apne Haath Uthao, Dvar Pada Mai Tere ।।
Om Jai Jagdish Hare ।।

(Vishnu Bhagwan Ki Aarti)

Vishay Vikaar Mitao, Paap Haro Deva ।
Prabhu Paap Haro Deva ।।
Shraddha Bhakti Badhao, Santan Ki Seva ।।
Om Jai Jagdish Hare ।।

Tan, Man, Dhan Sab Kuch Hai Tera ।
Prabhu Sab Kuch Hai Tera ।
Tera Tujhako Arpan, Kya Laage Mera ।।
Om Jai Jagdish Hare ।।

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