Shiv Chalisa PDF | शिव चालीसा पीडीएफ

Free download Shiv Chalisa PDF Lyrics in Hindi & Englishशिव चालीसा पीडीएफ, scroll down & click on the download link given below.

जो भक्त भगवान् शिव को ध्यान में रखकर त्रयोदशी का व्रत कर, अपने घर में उनकी पूजा व होम करते है। श्रद्धा पूर्वक धुप, दीप और नैवेद्य अर्पण करते है और भगवान् शिव के सन्मुख शिव चालीसा का पाठ करते है। उन पर भगवान् शिव की विशेष कृपा होती है।

शिव चालीसा

शिव चालीसा का पाठ भगवान् शिव को शीघ्र प्रसन्न कर उनका आशीर्वाद प्राप्त करने का एक विशेष उपाय है। शिव चालीसा नीचे दिए हुए बिंदुओं एक अद्भुत संग्रह है, इन सभी बिंदुओं का वर्णन शिव चालीसा में बहुत ही सुंदरता से किया गया है। इस पोस्ट में इन सभी बिंदुओं का वर्णन शिव चालीसा के अनुवाद के द्वारा किया गया है। चालीसा को ऑफलाइन पढ़ने के लिए Shiv Chalisa PDF in Hindi Download करे।

  • शिव चालीसा पाठ के लाभ
  • शिव चालीसा के द्वारा प्रार्थना
  • शिव चालीसा पाठ का विशेष दिन
  • भगवान् शिव की महिमा
  • भगवान् शिव का स्वरुप
  • भगवान् शिव का दरबार

Shiv Chalisa PDF Lyrics in Hindi

शिव चालीसा लिरिक्स

Shiv Chalisa PDF Lyrics in Hindi

।। ॐ श्री गणेशाय नमः ।।

।। दोहा ।।
जय गणेश गिरिजा सुवन, मंगल मूल सुजान । कहत अयोध्यादास तुम, देहु अभय वरदान ।।

।। चौपाई ।।
जय गिरिजा पति दीन दयाला । सदा करत सन्तन प्रतिपाला ।।
भाल चंद्रमा सोहत नीके । कानन कुण्डल नागफनी के ।।
अंग गौर शिर गंग बहाये । मुंडमाल तन क्षार लगाए ।।
वस्त्र खाल बाघम्बर सोहे । छवि को देखि नाग मन मोहे ।।


मैना मातु की ह्वै दुलारी । बाम अंग सोहत छवि न्यारी ।।
कर त्रिशूल सोहत छवि भारी । करत सदा शत्रुन क्षयकारी ।।
नन्दि गणेश सोहै तहँ कैसे । सागर मध्य कमल हैं जैसे ।।
कार्तिक श्याम और गणराऊ । या छवि को कहि जात न काऊ ।।

देवन जबहीं जाय पुकारा । तब ही दुख प्रभु आप निवारा ।।
किया उपद्रव तारक भारी । देवन सब मिलि तुमहिं जुहारी ।।
तुरत षडानन आप पठायउ । लवनिमेष महँ मारि गिरायउ ।।
आप जलंधर असुर संहारा । सुयश तुम्हार विदित संसारा ।।

(Shiv Chalisa PDF )

त्रिपुरासुर सन युद्ध मचाई । सबहिं कृपा कर लीन बचाई ।।
किया तपहिं भागीरथ भारी । पुरब प्रतिज्ञा तासु पुरारी ।।
दानिन महँ तुम सम कोउ नाहीं । सेवक स्तुति करत सदाहीं ।।
वेद माहि महिमा तुम गाई । अकथ अनादि भेद नहिं पाई ।।

प्रकटी उदधि मंथन में ज्वाला । जरत सुरासुर भए विहाला ।।
कीन्ही दया तहं करी सहाई । नीलकंठ तब नाम कहाई ।।
पूजन रामचन्द्र जब कीन्हा । जीत के लंक विभीषण दीन्हा ।।
सहस कमल में हो रहे धारी । कीन्ह परीक्षा तबहिं पुरारी ।।


एक कमल प्रभु राखेउ जोई । कमल नयन पूजन चहं सोई ।।
कठिन भक्ति देखी प्रभु शंकर । भए प्रसन्न दिए इच्छित वर ।।
जय जय जय अनन्त अविनाशी । करत कृपा सब के घटवासी ।।
दुष्ट सकल नित मोहि सतावै । भ्रमत रहौं मोहि चैन न आवै ।।

त्राहि त्राहि मैं नाथ पुकारो । येहि अवसर मोहि आन उबारो ।।
लै त्रिशूल शत्रुन को मारो । संकट से मोहि आन उबारो ।।
मात-पिता भ्राता सब होई । संकट में पूछत नहिं कोई ।।
स्वामी एक है आस तुम्हारी । आय हरहु मम संकट भारी ।।


धन निर्धन को देत सदा हीं । जो कोई जांचे सो फल पाहीं ।।
अस्तुति केहि विधि करैं तुम्हारी । क्षमहु नाथ अब चूक हमारी ।।
शंकर हो संकट के नाशन । मंगल कारण विघ्न विनाशन ।।
योगी यति मुनि ध्यान लगावैं । शारद नारद शीश नवावैं ।।

नमो नमो जय नमः शिवाय । सुर ब्रह्मादिक पार न पाय ।।
जो यह पाठ करे मन लाई । ता पर होत है शंभु सहाई ।।
ॠनियां जो कोई हो अधिकारी । पाठ करे सो पावन हारी ।।
पुत्र होन कर इच्छा जोई । निश्चय शिव प्रसाद तेहि होई ।।


पंडित त्रयोदशी को लावे । ध्यान पूर्वक होम करावे ।।
त्रयोदशी व्रत करै हमेशा । ताके तन नहीं रहै कलेशा ।।
धूप दीप नैवेद्य चढ़ावे । शंकर सम्मुख पाठ सुनावे ।।
जन्म जन्म के पाप नसावे । अन्त धाम शिवपुर में पावे ।।
कहैं अयोध्यादास आस तुम्हारी । जानि सकल दुःख हरहु हमारी ।।
(Shiv Chalisa PDF )

।। दोहा ।।
नित्त नेम कर प्रातः ही, पाठ करौं चालीसा । तुम मेरी मनोकामना, पूर्ण करो जगदीश ।।
मगसर छठि हेमन्त ॠतु, संवत चौसठ जान । अस्तुति चालीसा शिवहि, पूर्ण कीन कल्याण ।।

Shiv Chalisa PDF Download Link

ऑफ़लाइन पढ़ने के लिए, नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें और मुफ्त Shiv Chalisa PDF Lyrics in Hindi Free Download करें।

भगवान् शिव के अन्य पाठ

शिव चालीसा पाठ के लाभ

शिव चालीसा के द्वारा स्वतः होने वाली प्रार्थना
शिव चालीसा पाठ (Shiv Chalisa in Hindi) करने से स्वतः रूप से होने वाली प्रार्थना भाव इस प्रकार है। जब व्यक्ति मुसीबतों से घिरा होता है ऐसी परिस्थिति में उसके सगे सम्बन्धी यहाँ तक माता, पिता, भाई-बहिन कोई उसको पूछता तक नहीं। आप मेरे स्वामी है और मुझे आपके सिवा किसी और से आस नहीं जो मेरे भारी संकटों को हरे। मैं नहीं जानता की आपकी स्तुति मैं कैसे करूँ।

हे नाथ, आप मेरी भूल चूक को क्षमा कर, संकटो और विघ्नो का नाश कर मंगल कीजिये। हे प्रभु, मै आपका परम भक्त त्राहि-त्राहि पुकार रहा हूँ आप कृपया इस मुसीबत से उबारो। मेरे शत्रुओ का अपने त्रिशूल से संघार कर मुझे संकटों से उबारिये। मुझे केवल आपसे ही आस है, आप अन्तर्यामी और मेरे सभी दुखो को जानते है। अपनी कृपा कीजिये और मेरे सभी दुखो को हर लीजिये।

भगवान् शिव भक्तो की तपस्या से प्रसन्न होकर इच्छित वर देते है।
शिव चालीसा का पाठ करने से व्यक्ति के कई जन्मो के पापो का नाश होता है, फलस्वरूप शरीर से सभी प्रकार के रोग व कष्ट मिट जाते है।
भगवान् सदा निर्धन को धन देते है। और जो संतान की इच्छा से पाठ करते है उन्हें शिव प्रसाद स्वरुप संतान की प्राप्ति अवश्य होती है।
जो कोई भी मन से इस पाठ को करते है, शम्भू उनके सहाई होते है। जीवन के सुखो को भोग कर व्यक्ति अंत में भगवान् के धाम शिवपुर को प्राप्त करता है।
Shiv Chalisa Benefits

शिव चालीसा का पाठ करने की विधि

शिव चालीसा का पाठ करने के समय सबसे पहले अपने मन को शांत करते हुए भगवान् शिव के स्वरुप का ध्यान करना चाहिए और उनको प्रत्यक्ष मानकर शिव चालीसा का पाठ करना चाहिए. भगवान् शिव का स्वरुप कैसा है इसका वर्णन भी शिव चालीसा में किया गया है।

भगवान् शिव का स्वरुप

शिव चालीसा में भगवान् शिव के स्वरुप का भी वर्णन किया गया है। उनका रूप कुछ इस प्रकार से है| चन्द्रमा उनके मस्तक पर सुशोभित है और जटाओं से गंगा जी प्रवाहित हो रही है। कानो में फन उठाये नागो को कुण्डल के रूप में पहने हुए है और वस्त्र के रूप में बाघम्बर उनके ऊपर अत्यंत ही सुन्दर लग रहा है। उन्होंने अपने हाथ में त्रिशूल धारण किया हुआ है, जिससे वो शत्रुओ का संघार करते है।

शिव महिमा

भगवान् शिव की अनंत महिमा का वेदों में किया हुआ वर्णन शिव चालीसा में इस प्रकार है। भगवान् शिव जैसा अन्य कोई दानी नहीं है और उनकी महिमा का भेद जानना असंभव है। सभी देवता भगवान् शिव की स्तुति करते है। वह संकटों को हरने वाले है जब भी देवताओं को दुःख और भय होता है तब-तब भगवान् शिव उनके दुखो और भय को हरते है।

  • तारकासुर, जालंधर और त्रिपुरासुर जैसे महाअसुरो ने त्राहि-त्राहि मचाई तब उनसे  शिवजी ने ही छुटकारा दिलाया और इस ब्रह्माण्ड की रक्षा की।
  • जब भागीरथ ने तपस्या कर गंगा जी को पृथ्वी पर प्रवाहित होने का वरदान माँगा तब जीवनदायिनी माँ गंगा को आपने अपने मस्तक पर धारण कर उनके प्रचंड वेग को भगवान् शिव ने संतुलित कर पृथ्वी पर छोड़ा और इस समस्त संसार के मुक्ति के मार्ग को खोला।
  • समुद्र मंथन से निकले हुए अत्यंत घातक विष को शिवजी ने ही पिया और सभी देवताओं को संकट से उबारा, तभी उन्हें नीलकंठ कहा गया।
  • जब श्री राम ने शिवजी की पूजा की तब उन्हें आशीर्वाद दिया जिसके फलस्वरूप श्री राम ने रावण पर विजय प्राप्त कर विभीषण को लंकापति बनाया।

भगवान् शिव का दरबार

शिव दरबार में मैनादेवी माता की दुलारी और भगवान् शिव की अर्धांगिनी गिरिजा माता (पार्वती जी) उनके बाएं ओर विराजमान है, दोनों की जोड़ी बहुत ही न्यारी लग रही है। दरबार में बैठे नन्दी और गणेश जी इतने सुन्दर लग रहे है जैसे सागर के बीच में कमल का फूल खिला हुआ हो तथा कार्तिकेय और शिवगण इतने अदभुत दिख रहे है कि जिसको शब्दों में बताया नहीं जा सकता।

Shiv Chalisa Lyrics in English

|| Om Shree Ganeshaya Namah ||

|| Doha ||

Jai Ganesh Girija Suvan, Mangal Mool Sujaan |
Kahat Ayodhyadas Tum, Dehu Abhay Varadaan ||


|| Chaupai ||

Jai Girija Pati Deen Dayaala | Sada Karat Santan Pratipaala ||
Bhaal Chandrama Sohat Neeke | Kaanan Kundal Naagaphani Ke ||
Ang Gaur Shir Gang Bahaaye | Mundamaal Tan Kshaar Lagae ||
Vastra Khaal Baaghambar Sohe | Chhavi Ko Dekhi Naag Man Mohe ||
Maina Maatu Ki Hvai Dulaari | Baam Ang Sohat Chhavi Nyaari ||


Kar Trishool Sohat Chhavi Bhaari | Karat Sada Shatrun Kshayakaari ||
Nandi Ganesh Sohai Tahan Kaise | Saagar Madhya Kamal Hain Jaise ||
Kaartik Shyaam Aur Ganarau | Ya Chhavi Ko Kahi Jaat Na Kau ||
Devan Jabaheen Jaay Pukaara | Tab Hi Dukh Prabhu Aap Nivaara ||
Kiya Upadrava Taarak Bhaari | Devan Sab Mili Tumahin Juhaari ||

Turat Shadaanan Aap Pathaayu | Lavanimesh Mahan Maari Giraayu ||
Aap Jalandhar Asur Sanhaara | Suyash Tumhaar Vidit Sansaara ||
Tripuraasur San Yuddh Machai | Sabahin Kripa Kar Leen Bachai ||
Kiya Tapahin Bhagirath Bhaari | Purab Pratigya Taasu Puraari ||
Daanin Mahan Tum Sam Kou Naaheen | Sevak Stuti Karat Sadaaheen ||


Ved Maahi Mahima Tum Gai | Akath Anaadi Bhed Nahin Pai ||
Prakati Udadhi Manthan Mein Jvaala | Jarat Suraasur Bhe Vihaala ||
Keenhi Daya Tahan Kari Sahai | Neelakanth Tab Naam Kahai ||
Poojan Raamachandra Jab Keenha | Jeet Ke Lank Vibheeshan Deenha ||
Sahas Kamal Mein Ho Rahe Dhaari | Keenh Pareeksha Tabahin Puraari ||

Ek Kamal Prabhu Raakheu Joi | Kamal Nayan Poojan Chahan Soi ||
Kathin Bhakti Dekhi Prabhu Shankar | Bhe Prasanna Die Ichchhit Var ||
Jai Jai Jai Anant Avinaashi | Karat Kripa Sab Ke Ghatavaasi ||
Dushta Sakal Nit Mohi Sataavai | Bhramat Rahaun Mohi Chain Na Aavai ||
Traahi Traahi Main Naath Pukaaro | Yehi Avasar Mohi Aan Ubaaro ||


Lai Trishul Shatrun Ko Maaro | Sankat Se Mohi Aan Ubaaro ||
Maat-Pita Bhraata Sab Hoi | Sankat Mein Poochhat Nahin Koi ||
Svaami Ek Hai Aas Tumhaari | Aay Harahu Mam Sankat Bhaari ||
Dhan Nirdhan Ko Det Sada Heen | Jo Koi Jaanche So Phal Paaheen ||
Astuti Kehi Vidhi Karain Tumhaari | Kshamahu Nath Ab Chook Hamaari ||

Shankar Ho Sankat Ke Naashan | Mangal Kaaran Vighna Vinaashan ||
Yogi Yati Muni Dhyaan Lagaavain | Shaarad Naarad Sheesh Navaavain ||
Namo Namo Jai Namah Shivay | Sur Brahmaadik Paar Na Paay ||
Jo Yah Paath Kare Man Lai | Ta Par Hot Hai Shambhu Sahai ||
Rhniyaan Jo Koi Ho Adhikaari | Paath Kare So Paavan Haari ||


Putra Hon Kar Ichchha Joi | Nishchaya Shiv Prasad Tehi Hoi ||
Pandit Trayodashi Ko Laave | Dhyaan Poorvak Hom Karaave ||
Trayodashi Vrat Karai Hamesha | Taake Tan Nahin Rahai Kalesha ||
Dhoop Deep Naivedya Chadhaave | Shankar Sammukh Paath Sunaave ||
Janm Janm Ke Paap Nasaave | Ant Dhaam Shivapur Mein Paave ||
Kahain Ayodhyadas Aas Tumhaari | Jaani Sakal Duhkh Harahu Hamaari ||

|| Doha ||

Nitta Nem Kar Praatah Hi, Path Karaun Chalisa |
Tum Meri Manokaamana, Poorna Karo Jagadeesh ||
Magasar Chhathi Hemant Ritu, Sanvat Chausath Jaan |
Astuti Chalisa Shivahi, Poorn Keen Kalyaan ||


|| Om Namah Shivaya ||

Shiv Chalisa Lyrics in English PDF

To read offline, click on the link below and download the Shiv Chalisa Lyrics in English PDF.

Leave a Comment