[PDF] Shailputri Mata Aarti | Mantra | Katha in Hindi माँ शैलपुत्री

[PDF] Shailputri Mata Aarti Lyrics | Mantra | Katha in Hindi & English माँ शैलपुत्री

Shailputri Maa

हिमालय पुत्री माँ शैलपुत्री को नवरात्रि का पहला दिन (First Navratri Devi) समर्पित है |
माँ शैलपुत्री सभी सुख, सांसारिक आनंद, धन, धान्य समृद्धि और जीवन में सहजता प्रदान करती है। जिस घर मे माँ शैलपुत्री की पूजा होती है उस घर मे कभी भी भोजन की कमी नहीं होती है|
(Shailputri Maa) माँ शैलपुत्री के सिर पर आधा चाँद, हाथों में त्रिशूल और कमल है| वह अपने बैल ‘नंदी’ पर सवार है| इस रूप में देवी की पूजा की जाती है|
शैलपुत्री माता की आरती (Shailputri Mata Ki Aarti) को ऑफलाइन पढ़ने के लिए नीचे स्क्रॉल कर आप इसे Shailputri Aarti PDF in Hindi & English डाउनलोड कर सकते है|

Maa Shailputri Katha in Hindi

माँ शैलपुत्री की कथा

(Shailputri Maa) माँ शैलपुत्री, पहले वह दक्ष की संतान सती थी, वह अपने पिता के यज्ञ में जाना चाहती थी, शिव ने उनसे साफ कह दिया, वे बिन बुलाए नहीं जायेंगे| लेकिन सती का पुत्री कर्तव्य था वह यज्ञ मे गई और पिता द्वारा पति के अपमान का सामना करना पड़ा | अपमान से उदास होकर माता यज्ञ की अग्नि में लेट गयी|
बाद मे पुनः शैलपुत्री के रूप में जन्म लिया। शैल का अर्थ है पर्वत, और बेटी को पुत्री कहा जाता है| (First Navratri Devi) नवरात्रि के पहले दिन माँ शैलपुत्री की पूजा की जाती है|

नवरात्री का पहला दिन प्रारंभिक आध्यात्मिकता का प्रतीक है, मूलाधार ’को ध्यान में रखते हुए, देवी शैलपुत्री के रूप में – शक्ति की पूजा की जाती है | माँ शैलपुत्री महाकाली का प्रत्यक्ष अवतार हैं। माँ शैलपुत्री का रंग लाल है, उनके और महाकाली के रूप मे बहुत समानता है|

चंद्रमा – भाग्य प्रदाता है और माँ शैलपुत्री द्वारा शासित है, चंद्रमा का बुरा प्रभाव हटाने के लिए, आदि शक्ति के इस रूप की प्रार्थना करनी चाहिए।

(Maa Shailputri Katha in HIndi) माँ शैलपुत्री मूलाधार चक्र मे निवास करती है| जो जागने पर, ऊपर की ओर अपनी यात्रा शुरू करती हैं। भगवान शिव की खोज की ओर पहला कदम है । नवरात्रि में पहले दिन योगी अपना ध्यान मूलाधार पर केंद्रित रखें। और उच्च ध्यान के लिए, माँ शैलपुत्री से योग ध्यान मांगे |

Shailputri Mata Mantra

Shailputri Mata Mantra
Shailputri Mata Mantra

||Shailputri Mantra मंत्र || 
ॐ देवी शैलपुत्र्यै नमः ||

|| प्रार्थना ||
वन्दे वाञ्छितलाभाय चन्द्रार्धकृतशेखराम्। वृषारूढां शूलधरां शैलपुत्रीं यशस्विनीम्॥

अर्थात: हिमालय की बेटी माँ शैलपुत्री निश्चित रूप से, वांछित उपलब्धियों को प्रदान करने वाली है| आपने सिर पर मुकुट के रूप में अर्धचंद्र पहना है, आप बैल पर बैठी है, हाथ मैं त्रिशूल रखे  है, आप यशस्यवनी है।

|| स्तुति ||
या देवी सर्वभूतेषु माँ शैलपुत्री रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥

|| ध्यान ||
वन्दे वाञ्छितलाभाय चन्द्रार्धकृतशेखराम् |
वृषारूढां शूलधरां शैलपुत्रीं यशस्विनीम् ||
पूणेन्दु निभाम् गौरी मूलाधार स्थिताम् प्रथम दुर्गा त्रिनेत्राम् |
पटाम्बर परिधानां रत्नाकिरीटा नामालंकार भूषित ||
प्रफुल्ल वन्दना पल्लवाधरां कान्त कपोलाम् तुगम् कुचाम् |
कमनीयां लावण्यां स्नेमुखी क्षीणमध्यां नितम्बनीम् ||

|| कवच ||
ॐकारः में शिरः पातु मूलाधार निवासिनी |
हींकारः पातु ललाटे बीजरूपा महेश्वरी ||
श्रींकार पातु वदने लावण्या महेश्वरी |
हुंकार पातु हृदयम् तारिणी शक्ति स्वघृत ||
फट्कार पातु सर्वाङ्गे सर्व सिद्धि फलप्रदा ||

|| स्त्रोत्र ||
प्रथम दुर्गा त्वंहि भवसागरः तारणीम् | धन ऐश्वर्य दायिनी शैलपुत्री प्रणमाम्यहम्||
त्रिलोजननी त्वंहि परमानन्द प्रदीयमान्|| सौभाग्यरोग्य दायिनी शैलपुत्री प्रणमाम्यहम्||
चराचरेश्वरी त्वंहि महामोह विनाशिनीं| मुक्ति भुक्ति दायिनीं शैलपुत्री प्रणमाम्यहम्||

Shailputri Mata Ki Aarti in Hindi

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|| माँ शैलपुत्री आरती ||

|| ॐ श्री गणेशाय नमः ||
शैलपुत्री माँ बैल असवार, करें देवता जय जयकार ||
शिव शंकर की प्रिय भवानी, तेरी महिमा किसी ने न जानी ||
पार्वती तु उमा कहलावें, जो तुझे सुमिरे सो सुख पावें ||
रिद्धि सिद्धि परवान करें तू, दया करें धनवान करें तू ||
सोमवार को शिव संग प्यारी, आरती जिसने तेरी उतारी ||
उसकी सगरी आस पुजा दो, सगरे दुःख तकलीफ मिटा दो ||
घी का सुन्दर दीप जला के, गोला गरी का भोग लगा के ||
श्रद्धा भाव से मंत्र गाये, प्रेम सहित फिर शीश झुकायें ||
जय गिरराज किशोरी अम्बे, शिव मुख चंद्र चकोरी अम्बे ||
मनोकामना पूर्ण कर दो, चमन सदा सुख सम्पत्ति भर दो ||

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Shailputri Mata Ki Aarti PDF in HIndi

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Shailputri Mata Ki Aarti in English

|| Om Shree Ganeshaay Namah ||
Shailaputree Maa Bail Asavaar |
Karen Devta Jay Jayakaar ||
Shiv Shankar Kee Priy Bhavaanee |
Teree Mahima Kisee Ne Na Jaanee ||
Parvati Tu Uma Kahalaaven |
Jo Tujhe Sumire So Sukh Paaven ||
Riddhi Siddhi Paravaan Karen Too |
Daya Karen Dhanavaan Karen Too ||
Somavaar Ko Shiv Sang Pyaaree |
Aaratee Jisane Teree Utaaree ||
Usakee Sagaree Aas Puja Do |
Sagare Duhkh Takaleeph Mita Do ||
Ghee Ka Sundar Deep Jala Ke |
Gola Giree Ka Bhog Laga Ke ||
Shraddha Bhaav Se Mantr Japaayen |
Prem Sahit Phir Sheesh Jhukaayen ||
Jay Giraraaj Kishoree Ambe |
Shiv Mukh Chandr Chakoree Ambe ||
Manokaamana Poorn Kar Do |
Chaman Sada Sukh Sampatti Bhar Do ||

Shailputri Mata Ki Aarti PDF in English

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Shailputri Mata Ki Aarti in Tamil/ Telugu/ Gujrati/ Marathi

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