Gayatri Chalisa PDF & Benefits in Hindi | गायत्री चालीसा PDF

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गायत्री चालीसा में वर्णित है कि इस जगत में जितने भी महामंत्र है उनमे से गायत्री मंत्र सामान कोई नहीं है अर्थात गायत्री मंत्र एक अत्यंत ही शक्तिशाली और विशेष मंत्र है।

Gayatri Chalisa Path Benefits – गायत्री चालीसा पाठ के लाभ

गायत्री चालीसा में इसके पाठ से होने वाले अनेको लाभों का भी वर्णन किया गया है।

  • माँ गायत्री का ध्यान करने से ह्रदय से दुःख दूर होकर सुख उपजता है और मन पुलकित हो जाता है।
  • जगत जननी माँ गायत्री अपने सभी भक्तो को पुत्र सामान प्रेम करती है, माँ गायत्री की शरण में जाने से संसार के सभी संकट टल जाते है।
  • माता का सुमिरन करने से आलस्य, पाप और अविद्या का नाश होकर ह्रदय में ज्ञान का प्रकाश उत्तपन्न होता है।
  • माँ गायत्री को जानने के बाद कुछ भी शेष नहीं रह जाता है, उनके चरणों में स्थान पाने से जीवन के सभी क्लेश ख़त्म हो जाते है।
  • माँ भगवती इस सकल सृष्टि को प्राण देने वाली, पालन पोषण करने वाली और सभी संकटो का नाश करने वाली है।
  • माँ गायत्री की जिन भक्तों पर कृपा हो जाती है वो अन्य सभी देवी देवताओं की भी कृपा का पात्र बनते है।
  • माँ गायत्री की कृपा से मंद बुद्घि प्राणियों को बुद्धि व् बल मिलता है, रोगी रोग रहित हो जाते है। दरिद्रो की दरिद्रता मिट जाती है और पीड़ा कट जाती है दुःखो से मुक्ति मिल जाती है। संतान हीन को संतान का लाभ होता है और अंत में वो संतान के साथ इस संसार के सभी सुखो को भोग कर भव सागर से पार हो जाते है।
  • यम के दूत माता के भक्तों के निकट भी नहीं आते व् भूत पिशाच भी उनसे डरते है।
  • माँ गायत्री अष्ट सिद्घि नवनिधि की दाता है और भक्तो को सब कुछ देने में माँ समर्थ है।
  • माँ जगदम्ब भवानी के सामान ना कोई दयालु है और ना ही कोई दानी है।
  • जो भक्त माता का ह्रदय में ध्याना रख इस पाठ को करते है उनके जीवन में बल, बुद्घि, विद्या और शील स्वभाव, धन वैभव यश तेज सुख सभी बढ़ते जाते है।

Gayatri Chalisa Lyrics PDF in Hindi | श्री गायत्री चालीसा लिरिक्स

Gayatri Chalisa Lyrics in Hindi
Image Source: Commons.wikimedia.org

|| ॐ श्री गणेशाय नमः ||

|| दोहा ||

हीं श्रीं, क्लीं, मेधा, प्रभा, जीवन ज्योति प्रचण्ड |
शांति, क्रांति, जागृति, प्रगति, रचना शक्ति अखण्ड ||
जगत जननि, मंगल करनि, गायत्री सुखधाम |
प्रणवों सावित्री, स्वधा, स्वाहा पूरन काम ||


|| चालीसा ||
भूर्भुवः स्वः ॐ युत जननी | गायत्री नित कलिमल दहनी ||
अक्षर चौबिस परम पुनीता | इनमें बसें शास्त्र, श्रुति, गीता ||
शाश्वत सतोगुणी सतरुपा | सत्य सनातन सुधा अनूपा ||
हंसारुढ़ श्वेतांबर धारी | स्वर्णकांति शुचि गगन बिहारी ||

पुस्तक पुष्प कमंडलु माला | शुभ्र वर्ण तनु नयन विशाला ||
ध्यान धरत पुलकित हिय होई | सुख उपजत, दुःख दुरमति खोई ||
कामधेनु तुम सुर तरु छाया | निराकार की अदभुत माया ||
तुम्हरी शरण गहै जो कोई | तरै सकल संकट सों सोई ||


सरस्वती लक्ष्मी तुम काली | दिपै तुम्हारी ज्योति निराली ||
तुम्हरी महिमा पारन पावें | जो शारद शत मुख गुण गावें ||
चार वेद की मातु पुनीता | तुम ब्रहमाणी गौरी सीता ||
महामंत्र जितने जग माहीं | कोऊ गायत्री सम नाहीं ||

सुमिरत हिय में ज्ञान प्रकासै | आलस पाप अविद्या नासै ||
सृष्टि बीज जग जननि भवानी | काल रात्रि वरदा कल्यानी ||
ब्रहमा विष्णु रुद्र सुर जेते | तुम सों पावें सुरता तेते ||
तुम भक्तन की भक्त तुम्हारे | जननिहिं पुत्र प्राण ते प्यारे ||


महिमा अपरम्पार तुम्हारी | जै जै जै त्रिपदा भय हारी ||
पूरित सकल ज्ञान विज्ञाना | तुम सम अधिक न जग में आना ||
तुमहिं जानि कछु रहै न शेषा | तुमहिं पाय कछु रहै न क्लेषा ||
जानत तुमहिं, तुमहिं है जाई | पारस परसि कुधातु सुहाई ||

तुम्हरी शक्ति दिपै सब ठाई | माता तुम सब ठौर समाई ||
ग्रह नक्षत्र ब्रहमाण्ड घनेरे | सब गतिवान तुम्हारे प्रेरे ||
सकलसृष्टि की प्राण विधाता | पालक पोषक नाशक त्राता ||
मातेश्वरी दया व्रत धारी | तुम सन तरे पतकी भारी ||


जापर कृपा तुम्हारी होई | तापर कृपा करें सब कोई ||
मंद बुद्घि ते बुधि बल पावें | रोगी रोग रहित है जावें ||
दारिद मिटै कटै सब पीरा | नाशै दुःख हरै भव भीरा ||
गृह कलेश चित चिंता भारी | नासै गायत्री भय हारी ||

संतिति हीन सुसंतति पावें | सुख संपत्ति युत मोद मनावें ||
भूत पिशाच सबै भय खावें | यम के दूत निकट नहिं आवें ||
जो सधवा सुमिरें चित लाई | अछत सुहाग सदा सुखदाई ||
घर वर सुख प्रद लहैं कुमारी | विधवा रहें सत्य व्रत धारी ||


जयति जयति जगदम्ब भवानी | तुम सम और दयालु न दानी ||
जो सदगुरु सों दीक्षा पावें | सो साधन को सफल बनावें ||
सुमिरन करें सुरुचि बड़भागी | लहैं मनोरथ गृही विरागी ||
अष्ट सिद्घि नवनिधि की दाता | सब समर्थ गायत्री माता ||

ऋषि, मुनि, यती, तपस्वी, जोगी | आरत, अर्थी, चिंतित, भोगी ||
जो जो शरण तुम्हारी आवें | सो सो मन वांछित फल पावें ||
बल, बुद्घि, विघा, शील स्वभाऊ | धन वैभव यश तेज उछाऊ ||
सकल बढ़ें उपजे सुख नाना | जो यह पाठ करै धरि ध्याना ||
जो यह पाठ करै धरि ध्याना ||


|| दोहा ||
यह चालीसा भक्तियुत, पाठ करे जो कोय |
तापर कृपा प्रसन्नता, गायत्री की होय ||

|| बोलिये गायत्री माता की जय ||

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Gayatri Chalisa Lyrics in English

|| Shree Gayatri Chalisa ||
|| Om Shree Ganeshaya Namah ||

|| Doha ||
Heen Shreen, Kleen, Medha, Prabha, Jeevan Jyoti Prachand |
Shaanti, Kraanti, Jaagrti, Pragati, Rachana Shakti Akhand ||
Jagat Janani, Mangal Karani, Gayatri Sukhadhaam |
Pranavon Saavitree, Svadha, Svaaha Pooran Kaam ||


|| Chalisa ||
Bhoorbhuvah Svah Om Yut Janani | Gayatri Nit Kalimal Dahani ||
Akshar Chaubis Param Puneeta | Inamen Basen Shaastr, Shruti, Geeta ||
Shaashvat Satoguni Satarupa | Saty Sanaatan Sudha Anoopa ||
Hansaarudh Shvetaambar Dhaari | Svarnakaanti Shuchi Gagan Bihaari ||

Pustak Pushp Kamandalu Maala | Shubhr Varn Tanu Nayan Vishaala ||
Dhyaan Dharat Pulakit Hiy Hoi | Sukh Upajat, Duhkh Duramati Khoi ||
Kaamadhenu Tum Sur Taru Chhaaya | Niraakaar Kee Adabhut Maaya ||
Tumharee Sharan Gahai Jo Koi | Tarai Sakal Sankat Son Soi ||


Sarasvati Lakshmi Tum Kaali | Dipai Tumhaari Jyoti Niraali ||
Tumhari Mahima Paaran Paaven | Jo Shaarad Shat Mukh Gun Gaaven ||
Chaar Ved Ki Maatu Puneeta | Tum Brahamaani Gauri Seeta ||
Mahaamantr Jitane Jag Maaheen | Kooo Gayatri Sam Naaheen ||

Sumirat Hiy Mein Gyaan Prakaasai | Aalas Paap Avidya Naasai ||
Srshti Beej Jag Janani Bhavaani | Kaal Raatri Varada Kalyaani ||
Brahama Vishnu Rudr Sur Jete | Tum Son Paaven Surata Tete ||
Tum Bhaktan Ki Bhakt Tumhaare | Jananihin Putr Praan Te Pyaare ||


Mahima Aparampaar Tumhaari | Jai Jai Jai Tripada Bhay Haari ||
Poorit Sakal Gyaan Vigyaana | Tum Sam Adhik Na Jag Mein Aana ||
Tumahin Jaani Kachhu Rahai Na Shesha | Tumahin Paay Kachhu Rahai Na Klesha ||
Jaanat Tumahin, Tumahin Hai Jai | Paaras Parasi Kudhaatu Suhai ||

Tumhari Shakti Dipai Sab Thai | Maata Tum Sab Thaur Samai ||
Grah Nakshatr Brahamaand Ghanere | Sab Gativaan Tumhaare Prere ||
Sakalasrshti Ki Praan Vidhaata | Paalak Poshak Naashak Traata ||
Maateshvari Daya Vrat Dhaari | Tum San Tare Pataki Bhaari ||


Jaapar Krpa Tumhaari Hoi | Taapar Krpa Karen Sab Koi ||
Mand Budghi Te Budhi Bal Paaven | Rogi Rog Rahit Hai Jaaven ||
Daarid Mitai Katai Sab Peera | Naashai Duhkh Harai Bhav Bheera ||
Grh Kalesh Chit Chinta Bhaari | Naasai Gayatri Bhay Haari ||

Santiti Heen Susantati Paaven | Sukh Sampatti Yut Mod Manaaven ||
Bhoot Pishaach Sabai Bhay Khaaven | Yam Ke Doot Nikat Nahin Aaven ||
Jo Sadhava Sumiren Chit Lai | Achhat Suhaag Sada Sukhadai ||
Ghar Var Sukh Prad Lahain Kumaari | Vidhava Rahen Saty Vrat Dhaari ||

Jayati Jayati Jagadamb Bhavaani | Tum Sam Aur Dayaalu Na Daani ||
Jo Sadaguru Son Deeksha Paaven | So Saadhan Ko Saphal Banaaven ||
Sumiran Karen Suruchi Badabhaagi | Lahain Manorath Grhi Viraagi ||
Asht Sidghi Navanidhi Ki Daata | Sab Samarth Gayatri Maata ||

Rshi, Muni, Yati, Tapasvi, Jogi | Aarat, Arthi, Chintit, Bhogi ||
Jo Jo Sharan Tumhaari Aaven | So So Man Vaanchhit Phal Paaven ||
Bal, Budghi, Vigha, Sheel Svabhaoo | Dhan Vaibhav Yash Tej Uchhaoo ||
Sakal Badhen Upaje Sukh Naana | Jo Yah Paath Karai Dhari Dhyaana ||
Jo Yah Paath Karai Dhari Dhyaana ||


|| Doha ||
Yah Chalisa Bhaktiyut, Paath Kare Jo Koy |
Taapar Krpa Prasannata, Gayatri Kee Hoy ||
|| Boliye Gayatri Mata Ki Jai ||

Gayatri Chalisa Lyrics in English PDF

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