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भगवान भोलेनाथ जी बारह ज्योतिर्लिंगों के रूप में इस धरती पर विद्यमान है| यह सभी ज्योतिर्लिंग भारत के विभिन्न राज्यों में है| शिव भक्तों में मान्यता है की जीवन में इन सभी ज्योतिर्लिंगों का दर्शन जरूर करना चाहिए|
द्वादश ज्योतिर्लिंग स्तोत्रम – Dwadash Jyotirling Stotram
भगवान् शिवजी की आरती, चालीसा व पूजा के बाद द्वादश ज्योतिर्लिंग स्तोत्रम का पाठ करना चाहिए| इस स्तुति के पाठ से सात जन्मो के पापों का नाश होता है|द्वादश ज्योतिर्लिंग स्तोत्रम व् इसका हिंदी में अर्थ पढ़ने के लिए नीचे स्क्रॉल करें| ऑफलाइन पढ़ने के लिए Dwadash Jyotirling Stotram PDF डाउनलोड कर सकते है|
Dwadash Jyotirling Stotram Meaning in Hindi
|| द्वादश ज्योतिर्लिंग स्तोत्रम ||
सौराष्ट्रे सोमनाथं च श्रीशैले मल्लिकार्जुनम्, उज्जयिन्यां महाकालं ओमकारं ममलेश्वरम् ||
अर्थात: सौराष्ट्र (गुजरात) में श्री सोमनाथ, श्रीशैल पर्वत (आन्ध्र प्रदेश) पर श्री मल्लिकार्जुन, उज्जैन (मध्य प्रदेश) में श्री महाकालेश्वर, ओंकारेश्वर ममलेश्वरम|
परल्यां वैद्यनाथं च डाकिन्यां भीमशंकरम्, सेतुबन्धे तु रामेशं नागेशं दारुकावने ||
अर्थात: परली (महाराष्ट्र) में श्री वैद्यनाथ, डाकिनी (महाराष्ट्र) में श्री भीमाशंकर, सेतुबंध (तमिलनाडु) पर श्री रामेश्वरम, दारुकावन (गुजरात) में श्री नागेश्वरम|
वारणस्यां तु विश्वेशं त्र्यम्बकं गौतमी तटे, हिमालय तु केदारं घुश्मेशं च शिवालये ||
अर्थात: वाराणसी (उत्तर प्रदेश ) में श्री विशवनाथ, गौतमी नदी (महाराष्ट्र) के तट पर श्री त्र्यम्बकेश्वर, हिमालय (उत्तराखंड) पर श्री केदारनाथ और शिवालय (महाराष्ट्र) में श्री घृष्णेश्वर, में आप विराजमान हैं ।
एतानि ज्योतिर्लिंगानि सायं प्रातः पठेन्नरः, सप्तजन्मकृतं पापं स्मरणेन विनश्यति ||
अर्थात: जो नर प्रतिदिन प्रातः और संध्या काल के समय इन बारह ज्योतिर्लिंगों के नामो का पाठ करते है, इन ज्योतिर्लिंगों के स्मरण-मात्र से उनके सात जन्मों के पापों का विनाश हो जाता है |
Dwadash Jyotirling Stotram PDF Download Link
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भगवान् शिव के अन्य पाठ
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Dwadash Jyotirling Mantra in English
|| Dwadash Jyotirlinga Stotram ||
Saurastre Somanatham ch Srisailam Mallikarjunam,
Ujjayinayam Mahakalam Omkaram Mamaleswaram ||
Paralya Vaidyanatham ch Dakkinaya Bhimshankaram,
Setubandhe Tu Raamesham Nagesham Darukavane ||
Varanasyam Tu Vishvesham Trimbakam Gautami Tate,
Himalaya Tu Kedaram Ghushmesh Ch Shivalaya ||
Etani Jyotirlingani Saayen Pratah Pathenar,
Saptjanmkritam Papam Smarnen Vinashyanti ||
|| Iti Dwadash Jyotirlinga Stotram Sampoornam ||
Dwadash Jyotirling Stotram in Sanskrit/ Tamil/ Telugu/ Gujrati/ Marathi
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